tag:blogger.com,1999:blog-1638874513709726662.post3240798260725241018..comments2023-09-29T01:24:01.665-07:00Comments on Kavi Sammelan: तो माइक पर आ रहे हैं ओजस्वी कवि गजेन्द्र सोलंकी.. !Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-1638874513709726662.post-70031611173805301722009-11-02T07:42:57.902-08:002009-11-02T07:42:57.902-08:00अभी तक तो बस प्रणाम ही हो पाया था..आगे तो सुनने ही...अभी तक तो बस प्रणाम ही हो पाया था..आगे तो सुनने ही नही पाया...कुछ और पेश कीजिए ..वैसे जितना था वो भी बेहतरीन ..धन्यवाद!!विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1638874513709726662.post-40373313287470210072009-11-02T04:59:06.064-08:002009-11-02T04:59:06.064-08:00पूरा क्यूँ नहीं सुनवाया...आधे में मजा कम आया...
नी...पूरा क्यूँ नहीं सुनवाया...आधे में मजा कम आया...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1638874513709726662.post-31291848979917493722009-11-01T21:47:48.622-08:002009-11-01T21:47:48.622-08:00अलबेला जी, सौभाग्य से गजेन्द्र भाई के साथ मंच पर ब...अलबेला जी, सौभाग्य से गजेन्द्र भाई के साथ मंच पर बैठने का अवसर मुझे भी मिला था. <br />बहुत कमाल के कवि हैं. छंद में सुनाते हैं. <br />लेकिन उनसे हास्य नहीं सुना.डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1638874513709726662.post-41621550113976088442009-11-01T19:18:19.571-08:002009-11-01T19:18:19.571-08:00अरे, जल्दी रुक गया...और भी तो सुनाओ!!अरे, जल्दी रुक गया...और भी तो सुनाओ!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com