हास्यकवि राजेन्द्र मालवी "आलसी" मेरे मित्र और मंचीय साथी हैं,
उनसे सुना हुआ एक काव्यांश आज ईद-उल-जुहा के मुबारक मौके पर
याद आ गया है.....आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहा हूँ :
बकरा ईद के दिन
एक बकरे ने मौलवी से कहा
आज हमें काट दिया जाएगा
ये बात पूरी तरह अटल है
ए मेरे दोस्त !
तू मस्जिद पर लिख दे कि ईद कल है
-अलबेला खत्री
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