हिन्दी व राजस्थानी गीतकारों में
स्वर्गीय पंडित भरत व्यास का एक विशिष्ट स्थान है।
कवि सम्मेलन को आगेबढ़ाते हुए आज आपको अपने ज़माने के
महान कवि व्यासजी के एक अनुपम गीत से निहाल किया जा रहाहै
..........आशा है आपको पसन्द आएगा ।
प्यार दो मैं प्यार दूंगा !
प्यार दो मैं प्यार दूंगा
स्नेह-प्लावित इक नज़र पर
ज़िन्दगी सब वार दूंगा
प्यार दो मैं प्यार दूंगा
घूमता फिरता ह्रदय मेरा ठगा सा
औ चकित सा
मर्म पर कटु चोट खाया औ दुखों से
भी थकित सा
एक आशा का मिले आधार, पारावार दूंगा
प्यार दो मैं प्यार दूंगा
यह ह्रदय का रोग अब
मस्तिष्क पर छाने लगा
गुण भरा व्यक्तित्व यह
कमअक्ल कहलाने लगा
जो मिले करुणा, सुनयने ! प्यार का संसार दूंगा
प्यार दो मैं प्यार दूंगा
सुना करते थे बहुत
स्नेही भरे संसार में
ढूंढने निकले तो पाये
कोटि कांटे प्यार में
तुम मुझे विश्वास दो, मैं प्राण का अभिसार दूंगा
प्यार दो मैं प्यार दूंगा
-पं. भरत व्यास
स्वर्गीय पंडित भरत व्यास का एक विशिष्ट स्थान है।
कवि सम्मेलन को आगेबढ़ाते हुए आज आपको अपने ज़माने के
महान कवि व्यासजी के एक अनुपम गीत से निहाल किया जा रहाहै
..........आशा है आपको पसन्द आएगा ।
प्यार दो मैं प्यार दूंगा !
प्यार दो मैं प्यार दूंगा
स्नेह-प्लावित इक नज़र पर
ज़िन्दगी सब वार दूंगा
प्यार दो मैं प्यार दूंगा
घूमता फिरता ह्रदय मेरा ठगा सा
औ चकित सा
मर्म पर कटु चोट खाया औ दुखों से
भी थकित सा
एक आशा का मिले आधार, पारावार दूंगा
प्यार दो मैं प्यार दूंगा
यह ह्रदय का रोग अब
मस्तिष्क पर छाने लगा
गुण भरा व्यक्तित्व यह
कमअक्ल कहलाने लगा
जो मिले करुणा, सुनयने ! प्यार का संसार दूंगा
प्यार दो मैं प्यार दूंगा
सुना करते थे बहुत
स्नेही भरे संसार में
ढूंढने निकले तो पाये
कोटि कांटे प्यार में
तुम मुझे विश्वास दो, मैं प्राण का अभिसार दूंगा
प्यार दो मैं प्यार दूंगा
-पं. भरत व्यास
1 comments:
aman varma said...
kyaa baat hai
maza aagaya geet padh kar