सच है! जवानी ही बिकती है।
जब लडकियाँ हैं तो जाहिर है जवान ही होंगी नहीं तो औरतें होती। मगर दुखद है कि लडकियाँ बिकती हैं । अच्छी रचना है धन्यवाद्
जब निचुड़ जाती है तो कूड़ेदान पर फिंकती हैलड़कियां नहीं--- जवानी बिकती हैबेहतरीन रचना के लिए अलबेला जी को बधाई
सच ही तो कहा है।जिसपर हमको है नाज़, उसका जन्मदिवस है आज।कोमा में पडी़ बलात्कार पीडिता को चाहिए मृत्यु का अधिकार।
सच्चाई तो है, पर बेहद कडवी।
विद्रूप सच है
6 comments:
Unknown said...
सच है! जवानी ही बिकती है।
निर्मला कपिला said...
जब लडकियाँ हैं तो जाहिर है जवान ही होंगी नहीं तो औरतें होती। मगर दुखद है कि लडकियाँ बिकती हैं । अच्छी रचना है धन्यवाद्
पी के शर्मा said...
जब निचुड़ जाती है तो कूड़ेदान पर फिंकती है
लड़कियां नहीं--- जवानी बिकती है
बेहतरीन रचना के लिए अलबेला जी को बधाई
Anonymous said...
सच ही तो कहा है।
जिसपर हमको है नाज़, उसका जन्मदिवस है आज।
कोमा में पडी़ बलात्कार पीडिता को चाहिए मृत्यु का अधिकार।
डॉ टी एस दराल said...
सच्चाई तो है, पर बेहद कडवी।
M VERMA said...
विद्रूप सच है