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लड़कियां हिन्दू थीं

लड़कियां मुसलमान थीं

धौलपुर से दुबई तक

बिक्री आसान थीं

लड़कियां जवान थीं



रचयिता : अक्षय जैन

प्रस्तुति : अलबेला खत्री





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6 comments:

    Unknown said...

    सच है! जवानी ही बिकती है।

  1. ... on December 18, 2009 at 7:34 PM  
  2. निर्मला कपिला said...

    जब लडकियाँ हैं तो जाहिर है जवान ही होंगी नहीं तो औरतें होती। मगर दुखद है कि लडकियाँ बिकती हैं । अच्छी रचना है धन्यवाद्

  3. ... on December 18, 2009 at 8:44 PM  
  4. पी के शर्मा said...

    जब निचुड़ जाती है तो कूड़ेदान पर फिंकती है
    लड़कियां नहीं--- जवानी बिकती है
    बेहतरीन रचना के लिए अलबेला जी को बधाई

  5. ... on December 18, 2009 at 9:17 PM  
  6. www.SAMWAAD.com said...

    सच ही तो कहा है।
    जिसपर हमको है नाज़, उसका जन्मदिवस है आज।
    कोमा में पडी़ बलात्कार पीडिता को चाहिए मृत्यु का अधिकार।

  7. ... on December 18, 2009 at 10:20 PM  
  8. डॉ टी एस दराल said...

    सच्चाई तो है, पर बेहद कडवी।

  9. ... on December 19, 2009 at 2:09 AM  
  10. M VERMA said...

    विद्रूप सच है

  11. ... on December 19, 2009 at 4:01 AM