ज़िन्दगी
इक हादिसा है
और कैसा हादिसा
मौत से भी
ख़त्म जिसका
सिलसिला होता नहीं
रचयिता : जिगर मुरादाबादी
प्रस्तुति : अलबेला खत्री
watch & enjoy
laughter ke phatke
by albela khatri & abhijeet sawant
new year special episod on STAR ONE
31 dec. 2009 10 P.M.
3 comments:
डॉ टी एस दराल said...
ज़िन्दगी---मौत से भी
ख़त्म जिसका
सिलसिला होता नहीं
मोक्ष प्राप्त करने का प्रयास करें।
विनोद कुमार पांडेय said...
एक खूबसूरत सच..सुंदर प्रस्तुति..धन्यवाद अलबेला जी!!!!
Devi Nangrani said...
Roothe huon ko mananne holi aayi hai sunder kalatmak rachna suro saaz mein.