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सुप्रसिद्ध कवयित्री एवं मधुर, सुरीली, कोकिल कंठी साहित्यकार

डॉ सीता सागर का अपना एक ख़ास अन्दाज़ है

अहमदाबाद में उनके साथ हास्य पिटारा किया तो

मुझे ये रचना बहुत पसन्द आई.....

आप भी आनन्द लीजिये...

- अलबेला खत्री





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3 comments:

    Udan Tashtari said...

    आनन्द आया सीता जी क सुनकर.

  1. ... on November 10, 2009 at 2:18 PM  
  2. Urmi said...

    डॉक्टर सीता सागर जी के साथ परिचय करवाने के लिए धन्यवाद ! बहुत बढ़िया लगा और खुशी हुई उनकी आवाज़ सुनकर!

  3. ... on November 10, 2009 at 9:27 PM  
  4. शरद कोकास said...

    जहाँ सागर लगा हो तो शायर तो अपने आप हो जाता है

  5. ... on November 22, 2009 at 10:19 AM