फूल विहँसता, शूल मौन है ।
__एक डाल के दोनों साथी
__दोनों को ही हवा झुलाती
फूल झरेगा, शूल रहेगा, सत्य कौन है, भूल कौन है ?
लहर नाचता, कूल मौन है ।
__एक पन्थ के दोनों साथी
__दोनों को किरणें नहलाती
लहर मिटेगी, कूल रहेगा, सत्य कौन है, भूल कौन है ?
चरना बोलता, धूल मौन है ।
__युग-युग के दोनों हैं साथी
__दोनों पर ही नभ की छाती
चरण रुकेगा, धूल चलेगी, सत्य कौन है, भूल कौन है ?
रचयिता : कन्हैयालाल सेठिया
प्रस्तुति : अलबेला खत्री
3 comments:
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...
"कविवर कन्हैयालाल सेठिया की रचना - सत्य कौन है, भूल कौन है ?" को पढ़वाने के लिए आभार!
Urmi said...
कविवर कन्हैयालाल सेठिया की रचना बहुत अच्छी लगी ! धन्यवाद खत्री जी कन्हैयालाल जी की रचना को पढ़वाने के लिए !
शरद कोकास said...
सुन्दर है कन्हैयालल जी का यह गीत